शेयर का Fundamental Analysis कैसे करे?

 

 शेयर का Fundamental Analysis कैसे करे?

।।।

आज
के समय में सभी लोग अपने पैसे को बढ़ाना चाहते है जिससे वह अपना जीवन आसान
कर सके और वह अपने save किए हुए पैसे को आप कई तरीके है जिससे बढ़ा सकते
है।
आप किसी बैंक में फिक्स डिपोजिट कर सकते है जिसमे आपको 5% के हिसाब से पैसा बढ़ेगा और 14 साल लगेगा पैसे को डबल करने में।
सोना(gold)
मे 9% – 10% के हिसाब से 8 साल में पैसा डबल होगा और सेविंग अकाउंट में 2%
– 3% के हिसाब से पैसे को डबल करने में 24 साल जितना समय लग जायेगा।
केवल शेयर मार्केट ही एक ऐसी जगह है जहां आप 18% से 20% के हिसाब से 4 साल में बड़ी आसानी से पैसे को डबल कर सकते है।
लेकिन शेयर बाजार में मुस्किल काम आपको सही कंपनी को खोजना होगा जिससे आप अच्छा मुनाफा ले सके।
भारत में कई लोग जैसे की राधाकिशन दमानी, अजय केडिया इन सभी ने शेयर मार्केट से खर्बो रुपए कमाए है।
आज हम यह शेयर मार्केट में किसी भी शेयर का चुनाव करने की 10 बात बताएगे जिसके अनुसार आप बहुत ही अच्छी कंपनी को खोज सकते है।

Long term शेयर के लिए कंपनी का चुनाव

यहां बताई गई बात को अगर आप ध्यान में रखते है तो आप 3 से 4 साल में शेयर मार्केट से पैसा डबल कर सकते है।

1. कंपनी की business cycle

जब किसी शेयर का चुनाव करे तब वह कंपनी 11 साल या उससे अधिक पुरानी होनी चाहिए।
यहां
11 साल से हमारा मतलब है कि कंपनी ने तेजी और मंदी दोनो समय को देखा
हो।कंपनी मंदी में टिक सके और तेजी में अच्छा काम करे यह जानने के लिए हमे
11 साल तक की history देखते है।
जितनी कंपनी की history पुरानी होगी हमे उसमे उतना ही ज्यादा भरोसा आ सकते है।
जैसे की:–
Eicher
Moters कंपनी के शेयर का 2011 मे ₹135 था,2014 में ₹600 का और 2017 में यह
शेयर ₹2600 पहुंच गया यानी 50% के average return दिया और 1.5 साल में
पैसा डबल किया है।
Britannia industries Ltd के
शेयर का भाव 2011 में ₹200 और 2014 में ₹450 था और 2017 में ₹1800 और अब
2021 में ₹3400 तक भाव बढ़ा है यानी average return 28% का मतलब 2.5 साल
में पैसे को डबल किया है।
यह सभी कंपनी की history थी इसीलिए हम यहां समझ सके है की कंपनी तेजी और मंदी को कैसे संभालती है।

2. कंपनी की growth consistency

यहां हम कंपनी की growth को GDP की मदद से समझते है।
जिस भी कंपनी का शेयर लेना हो वह कंपनी देश की GDP से डबल या उससे ज्यादा growth से बढ़ी होनी चाहिए।
यानी
अगर पूरे देश एक साल में 10% के हिसाब से grow कर रहा है तो आप जिस कंपनी
में invest कर रहे है वह 20% या उससे ज्यादा के हिसाब से grow होनी चाहिए।
क्योंकि
जिस मात्रा में पूरा देश grow कर रहा है कंपनी भी उसी मात्रा में grow करे
तो कंपनी ने कुछ खास नहीं किया…. तो ऐसी कंपनी से दूर रहे।
जैसे की:–
Radico khaitan कंपनी जब देश का GDP 7% था तब इनके शेयर में 18% के रिटर्न दिया है।

3. Longevity

Longevity का मतलब है कि कंपनी लंबे समय तक टिकेगी। अगर कंपनी लंबे समय तक मार्केट में नहीं रहेगी तो वहां पैसा डूब सकता है।
आपको यहां कुछ बात बताई गई है जिसके ऊपर analysis करके आप यह पता लगा सकते है।
कंपनी को लंबे समय तक टिकने के लिए आप को कंपनी का management देखना होगा कि कंपनी को कोन चला रहा है उसकी leadership कैसी है।
अगर
कंपनी में quality management होगा तो quality product आयेगे साथ ही
customer service अच्छी होगी कंपनी का distribution भी अच्छा होगा।
जब
1992 मे ACC cement मे leadership नहीं बदली,मार्केट में कुछ हल चल नही
हुई फिर भी ₹200 से शेयर का भाव बढ़ते बढ़ते ₹9000 पहुंच गया। यहां कंपनी
में नही production बढ़ा यह एक खराब managment की निशानी है।
आप managmemt का background देखे किया उसके ऊपर कोई SEBI या RBI का लफड़ा तो नही है।
आप managment की आगे की रणनीति को देखे क्या उसको कंपनी को grow करने के बरेमे सोच रहे है या खुद के…!
आपको
यह भी देखना होगा कि कंपनी का management तनखा (salary) या बोनस के नाम पे
पैसा तो नही निकल रहे ऐसी परिस्थिति में shareholder को बिलकुल फायदा नहीं
होगा।
कंपनी में related party transactions तो नही कर रही यह आपको देखना होगा अगर ऐसी कंपनी है तो उसमे invest करने की सोचिए भी मत।
कंपनी कही अपने शेयर को pledge करके बाहर से उधार तो नही ले रहे यह सब जानना बहुत जरूरी है।
अगर किसी कंपनी में आपको 20 साल ,30 साल के लिए पैसा लगाना है तो यह सब देखना और जानना बहुत जरूरी है।
उदाहरण:–
Reliance
industries Ltd उनके मालिक और CEO मुकेश अंबानी बहुत ही बुद्धिमान व्यक्ति
है इसीलिए तो 2017 में रिलायंस के शेयर का भाव ₹480 से बढ़कर आज 2021 में
₹2300 का होगया है।

4. कंपनी में कर्जा कितना है

यह देखना बहुत जरूरी है।
क्योंकि
अगर कंपनी पे कोई कर्ज नहीं है और नही लोन है तो proffit मे काफी पैसा
बचता है। दूसरी तरफ जिन कंपनी में कर्ज ज्यादा है उनको बहुत ही पैसा
intrest चुकाने में चला जाता है और प्रोफिट नहीं बचता।
कई ऐसी कंपनी है जो कर्ज के कारण बंद(close) हो गई है।
Bhushan steel–– ₹44,000 करोड़ का कर्ज
Alok industry— ₹22,000 करोड़ का कर्ज
Essar Steel —- ₹37,000 करोड़ का कर्ज
आप कर्ज वाली कंपनी में invest करेगे तो आप पूरी तरह से लूट भी सकते है।
आप यह जानकारी Money Control की वेबसाइट से बड़ी आसानी से पता कर सकते है।
जिस कंपनी में कर्ज बिलकुल नहीं या ना के बराबर है तो वह कंपनी में प्रॉफिट भी बचेगा और शेयर भी बढ़ेगा।
जैसे की:–
Divis
laboratory कंपनी पे एक रुपिया का भी कर्ज नहीं है और लगातार प्रॉफिट बना
रही है जिसके कारण 2017 में इनके शेयर का भाव ₹650 से बढ़कर आज 2021 में
₹4100 का हो गया है।इसने हरसाल तकरीबन 47% के return दिए है।
आप यह उदाहरण से देख सकते है की अगर कंपनी पे कर्ज न हो तो shareholders बहुत अच्छे return का लाभ लेते है।

5. कंपनी के मालिक के पास कंपनी के शेयर

आप खुदसे जरा सोचिए….
कोई भी इंसान कब जी जान से और पूरी लगन से मेहनत करता है??
कंपनी के मालिक के पास 51% या उससे ज्यादा शेयर की holding होनी ही चाहिए (यह कोई नियम नहीं है)।
अगर कंपनी के मालिक के पास holding नही होगी तो वह कंपनी पे ठीक से ध्यान नहीं देगा क्योंकि उसका कंपनी से कुछ लेना–देना ही नहीं है।
ध्यान
रखे अगर कंपनी का मालिक अपने शेयर खुद buy कर रहा है तो यह एक अच्छा संकेत
है क्योंकि उसको पता है की आगे कंपनी में growth होगी। ऐसी कंपनी में
invest करना मुनाफे का सौदा माना जाता है।
जैसे की:–
Cira
sanitarhware कंपनी में मालिक(owner) की holding 55% है और कंपनी अच्छा
grow भी कर रही है।यह कंपनी ने पिछले 10 साल में average 30% के return दिए
है यानी 2.5 साल में पैसे को डबल किया है।

6.कंपनी का Net profit

जिस कंपनी के शेयर में invest का सोच रहे है उसके पिछले 4 साल,5 साल, 10 साल के balance sheet में प्रॉफिट को देखना चाहिए।
कंपनी
का प्रॉफिट अपने पिछले साल के प्रॉफिट से 25% या उससे ज्यादा की बढ़ोतरी
में होना चाहिए। इससे यह मालूम होता है की कंपनी के अंदर सब ठीक चल रहा है
कोई पैसा इधर–उधर नही हो रहा।
यानी किसी कंपनी ने
इस साल ₹100 करोड का net profit बनाया है तो आने वाले साल में ₹125 करोड़
या उससे ज्यादा का होना चाहिए।इस तरह की कंपनी को खोज के पैसा लगाया जाए तो
करोड़पति बनना बड़ी बात नहीं होगी।
जैसे की:–
Titan company का 2020 में net profit ₹346 करोड़ था और 2021 में बढ़ कर ₹564 करोड़ हुआ यानी net profit मे 60% की बढ़ोतरी हुई है।
Net profit मे बढ़ोतरी के कारण titan का शेयर 2020 में ₹1000 से बढ़कर 2021 में ₹1600 का हो गया है।
Titan के शेयर के कारण भारत के वारेन बफेट कहे जाने वाले राकेश जुनजुनवाला करोड़पति बन गई।

7. कंपनी का Revenue और Net Sales

Revenue का मतलब पूरे साल में कंपनी ने कितने रुपए का सामान बेचा।
Net Sales का मतलब कंपनी ने पूरे साल में कितने unit (number of product) बेचा।
अब ध्यान से समझे…
कंपनी के revenue मे और net sales मे हर साल 10% से 15% या उससे ज्यादा की बढ़त होनी चाहिए।
यहां ध्यान रखे ! Product का भाव बढ़ने की बात नहीं हो रही ज्यादा product बेचने की बात हो रही है।
कई
बार revenue दिखाने के लिए कंपनी की कोई plant, जमीन बेच देती है और उसको
revenue में दिखाती है।ध्यान रहे यहां ऐसे revenue की बात नही हो रही।
जैसे की:–
Maruti Suzuki ने 2014 में कुल 10 लाख गाड़ी बेची 2015 में 11 लाख गाड़ी बेची, 2016 में 13 लाख गाड़ी बेची।
यानी हर साल maruti suzuki अपने net sales मे 15% की बढ़त से रही है और revenue भी बना रही है।
Revenue दूसरे तरीके से आ सकता है लेकिन गाड़ी ज्यादा बेची है इससे समझ आता है कि कंपनी में कोई घोटाला नहीं है।

8. Net Operating Cash flow

Net
operation cash flow का मतलब है कि कंपनी में पैसा कितनी जल्दी आता है
यानी की कही ऐसा तो नहीं की कंपनी sales ज्यादा कर रही है लेकिन पैसा आ नही
रहा सब उधार ही जा रहा है।
हर साल कंपनी के Net Operating cash flow में 20% की बढ़ोतरी होनी चाहिए।
यह सभी analysis आप कंपनी की balance sheet देखकर बड़ी आसानी से कर सकते है बस आपको समझना होगा।

9. Return On Capital Employed (ROCE)

ROCE
का मतलब है कि कंपनी का total पैसा यानी जो Loan लिया है वो और जो
shareholder का है वो दोनो को मिला के जो capital बनता है उससे एक साल में
जितना return कमाते है उसको ROCE कहते है।
किसी
भी कंपनी का ROE 20% से ज्यादा का होना चाहिए।यानी अगर ₹50 लोन का है और
₹50 investor का तो total ₹100 हुआ अब इस पैसे का business करके ₹120 कमाया
यानी 20% का ROE हुआ।
उदाहरण:–
Nestle
india ने एक साल में 139% का ROCE दिया है जिससे उसका शेयर का भाव 2021
में ₹6,600 का था वहां से बढ़कर 2017 में ₹18000 का हो गया।

10. Return On Equity(ROE)

ROE
का मतलब सिर्फ investor (कोई लोन नहीं या कोई दूसरा पैसा नही) का पैसे से
कंपनी ने एक साल में जितने return दिया है उसको ROE कहते है।
किसी
भी कंपनी का ROE average 15% से ज्यादा का होना चाहिए,अगर ऐसा नहीं है तो
कंपनी अपने investor के पैसे के साथ खिलवाड़ कर रही है।
दोस्तो आपको यह जानकारी अच्छी लगी है तो हमे जरूर बताए।शेयर मार्केट को अच्छे से समझने के लिए हमारी वेबसाइट को visit करते रहे।

Leave a comment