VWAP indicator Tecnical Analysis In Hindi.

 VWAP indicator Tecnical Analysis In Hindi.

VWAP indicator का मतलब Volume Weighted average Price.
VWAP intraday मे उपयोग होने वाला एक बहुत अच्छा indicator माना जाता है। 
जो लोग intraday ट्रेडिंग करना चाहते है या इसके बारेमे सीखना चाहते है तो यह indicator उन्ही लोगो के लिए बनाया गया है। 
यह indicator केवल intraday मे ही उपयोग होता है।
VWAP indicator का उपयोग आप सभी बाजार में कर सकते है जैसे की नोर्मल शेयर मार्केट, फ्यूचर बाजार, commodity बाजार या Forex मार्केट में कर सकते है। 

VWAP क्या होता है

VWAP indicator वॉल्यूम (volume) और कैंडल का एवरेज (average) प्राइज indicator है इसीलिए इसको Volume Weighted average Price कहा जाता है। 
VWAP indicator Tecnical Analysis In Hindi.

आप जब अपने ट्रेडिंग app मे VWAP लगाओ तब यह कुछ इस प्रकार से दिखाई देता है। 
आपको यहां VWAP, supertrend या Moving Average के जैसे दिखाई दे रहा होगा लेकिन इसका calculation उससे काफी अलग होता है। 
इसका calculation जानना हमारे लिए जरूरी नहीं है क्योंकि आज कल के ट्रेडिंग सॉफ्टवेर में इसका calculation अपने आप हो जाता है। 
ट्रेडिंग सॉफ्टवेयर में VWAP को उपयोग करने के लिए कोई setting की आवश्यकता नहीं होती क्योंकि यह हर एक कैंडल के साथ ऑटोमैटिक ही होती है। 

VWAP indicator कैसे काम करता है

VWAP कैसे काम करता है यह जानने के लिए ऊपर दी गई फोटो को ध्यान से देखिए। 
VWAP का काम करने का तरीका एकदम आसान और सामान्य है। 
जब कोई कैंडल का भाव VWAP Line के उपर क्रॉस कर देता है तब हमे यह समझना चाहिए की अब बाजार में खरीदी(BUY) करना चाहिए। इसको Bullish crossover कहते है। 
इससे उल्टा जब कैंडल का भाव VWAP Line के नीचे क्रॉस करता है तब बाजार में मंदी आनेवाली है यह संकेत मिलता है और हमे Sell करना चाहिए। इसको Bearish Crossover कहते है। 
VWAP का उपयोग करते समय Time Frame का बहुत महत्व होता है।Vwap केवल intraday मे उपयोग होता है इसीलिए इसमे 5 मिनिट, 10मिनिट और 15 मिनिट के time frame मे देखना चाहिए। 

VWAP indicator की मदद से Buy और Sell

VWAP indicator Tecnical Analysis In Hindi.

आपको यहां किसी एक शेयर का चार्ट दिया गया है जिसमे VWAP लगाया है। 
VWAP की मदद से BUY
Share ले टेक्निकल चार्ट में जब कोई कैंडल VWAP Line को क्रॉस करे तब शेयर में तेजी आने की संभावना बढ़ जाती है।
जो कैंडल VWAP Line के ऊपर क्रॉस होती है उसको Bullish Crossover कहते है। 
अब Buy करने के लिए Bullish crossover के बाद की कैंडल Bullish crossover वाली कैंडल के high prise के ऊपर close होनी चाहिए। उसको confirmation कैंडल कहते है। 
जब confirmation कैंडल bullish crossover वाली कैंडल के high के ऊपर close होजाए तब उसके बाद की कैंडल के Open Prise पर Buy करना चाहिए। 
जिस bullish crossover कैंडल के low prise पर Stop Loss लगाना चाहिए। 
जब कोई कैंडल Vwap Line के नीचे आ जाए तब उस समय proffit Booking करना चाहिए या फिर risk reword ratio के अनुसार 1:3 के अनुसार प्रॉफिट लेना चाहिए। 
VWAP की मदद से SELL
जिस कैंडल VWAP Line के नीचे क्रॉस होती है उसको Bearish Crossover कहते है। 
जब Sell करने के लिए Bearish Crossover के बाद की कैंडल bearish crossover के Low prise के नीचे close होनी चाहिए। 
उसके बाद की कैंडल के Open Prise पर Sell करना चाहिए। 
जिस कैंडल ने VWAP Line क्रॉस की है उसके High prise पर Stop Loss लगाना चाहिए। 
इसमें Proffit booking Buy की पोजिशन में जैसे करते है वैसे ही कर सकते है। 

चार्ट में VWAP indicator की मदद से ट्रेड

VWAP indicator Tecnical Analysis In Hindi.

जब आप अपने ट्रेडिंग सॉफ्टवेर में VWAP indicator लगाएगे तो ऊपर दिखाई गई image जैसे दिखाई देगा। 
यह VWAP केवल intraday trading करते समय ही उपयोग होता है इसीलिए यहां चार्ट में 5 मिनिट,10 मिनिट की कैंडल चार्ट को लगाना चाहिए। 
अब VWAP indicator की मदद से BUY की पोजिशन बनाने के लिए आपको कुछ बात का ध्यान रखना होगा। 
  • चार्ट में दी गई कैंडल में से कोई कैंडल VWAP Line को क्रॉस करके ऊपर close होनी चाहिए।
  • जिस candle ने VWAP Line क्रॉस की उसके बाद की कैंडल bullish crossover वाली कैंडल के High के ऊपर close होनी चाहिए। conformation कैंडल कहा जाता है। 
  • Confirmation कैंडल के बाद की कैंडल पर Buy की पोजिशन बनानी चाहिए। 
अब हम यह चार्ट की मदद से ट्रेड लेते है। 
आप ऊपर वाली फोटो में देख सकते है की एक कैंडल ने VWAP line को क्रॉस किया है। 
उसके बाद की कैंडल ने bullish crossover वाली कैंडल के high पर closing दी है। 
अब यहां trend confirm हो गया की यह से तेजी आ सकते है। 
अब उसके बाद की कैंडल के open prise पर Buy (खरीददारी) करनी चाहिए। 
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Buy करने के तुरंत बाद bullish crossover कैंडल के LOW prise पर stop loss लगाना चाहिए। 
Note: Tecnical analysis से शेयर में आने वाले ट्रेंड का अंदाज(संभावना) की जा सकती है।कभी कभी यह उल्टा भी हो जाता है इसीलिए Stop Loss लगाना अनिवार्य है। 
अब पोजिशन बनाने के बाद आप Risk reword ratio के 1:3 नियम अनुसार Target रखके अच्छा प्रॉफिट बना सकते है। 
VWAP indicator की मदद से Short Selling
VWAP indicator Tecnical Analysis In Hindi.

अब आपको Sell के लिया ऊपर दिया गई बातो को ध्यान में रखना होगा। 
यहां जिस कैंडल ने Bearish Crossover किया है उसके बाद की कैंडल ने भी beariah crossover कैंडल के high के ऊपर closing दी है। 
अब उसके बाद की कैंडल के open prise पर Sell की पोजीशन बनानी चाहिए। 
जिस कैंडल ने Bearish Crossover किया है उसके High prise पर Stop Loss लगाना चाहिए। 

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